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अपनी मांग को लेकर योगेन्द्र शर्मा काली पट्टी लगाकर विरोध कर रहे है

 

रायपुर- छत्तीसगढ़ शासन के अधीन छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रोधोगिकी परिषद, रायपुर में आज पहली बार एक कर्मचारी द्वारा अपनी मांग को लेकर सर में पट्टी लगाकर शन्ति प्रिय ढंग से कार्य मे बिना बांधा किये विरोध प्रारंभ किया गया

परिषद में सहायक ग्रेड 3 के पद पर कार्यरत योगेन्द्र शर्मा ने विगत 3 वर्षों से अपनी नियमानुसार पदोन्नति, उन्नयन वेतनमान एवं अन्य मांग को लेकर लगभग 10 आवेदन पत्र दिए जिसकी छायाप्रति की कॉपी हमारे पास उपलब्ध है,

10 आवेदन देने के बाद भी परिषद के अधिकारियों द्वारा उनके आवेदन पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही न करते हुए उनके आवेदन को मात्र नस्ती में रखा गया, बार बार आवेदन देने देने के बाद भी पदोन्नति या उन्नयन वेतनमान की किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही न होने के कारण आई मानसिक परेशानी को देखते हुए शर्मा ने दिनांक 5 जून 2025 को एक आवेदन दिया जिसमें उन्होंने अधिकारियों को जानकारी दी कि मुझे व्यक्तिगत रूप परेशान करने के उद्देश्य से मेरे आवेदन पर जो आज तक कार्यवाही नही की गई है उसके विरोध एवं अपनी पदोन्नति या उन्नयन वेतनमान की मांग को लेकर मैं दिनांक 9 जून से सर में काली पट्टी लगाकर शान्तिप्रिय ढंग से कार्य मे बिना किसी प्रकार की बांधा न करते हुए विरोध करूँगा.

इतना निवेदन करने एवं आवेदन देने के बाद भी कोई कार्यवाही नही हुई इस पर आज दिनांक 9 जून से योगेन्द्र शर्मा ने सर में काली पट्टी लगाकर अपना विरोध करना प्रारंभ किया, विरोध के प्रथम दिवस काली पट्टी लगाकर अपना पूरा कार्य ईमानदारी से किया

प्रथम दिवस के विरोध के पश्चात योगेन्द्र शर्मा की मांग का समर्थन देते हुए परिषद के कर्मचारी यूनियन ने भी आज अपना विरोध प्रगट किया, परिषद के कर्मचारी संघ ने आज आवेदन एवं सूचनार्थ पत्र के माध्यम से अधिकारी को सूचना दी है कि दिनांक 10 जून से सभी कर्मचारी योगेन्द्र शर्मा का समर्थन करते हुए काली पट्टी लगाकर विरोध करते हुए कर्मचारियों की मांग पूरी करने की बात रखेंगे..

योगेन्द्र शर्मा पूरे प्रदेश में समाज सेवी के नाम से भी जाने जाते है उनके द्वारा विगत 8 वर्षों से लगभग 200 जरूरतमंदों को निःशुल्क भोजन के साथ साथ गौ सेवा, पशु-पक्षियों की सेवा, दिव्यांग जनो की सेवा का कार्य करते आ रहे है जिसके लिए उन्हें शहर, जिला, एवं प्रदेश स्तरीय सम्मान भी मिल चुका है, अपने एवं अपने परिवार के जीवन यापन के लिए कार्य करने के पश्चात प्रतिदिन 200 जरूरतमंदों को भोजन खिलाना अपने आप मे सरहानीय कार्य है

परन्तु इतना सब कुछ करने के बाद भी आज उनको अपनी नियमानुसार मांग को लेकर इस तरह का विरोध करना पड़ रहा है, इस ओर शासन एवं उच्च अधिकरियों को ध्यान देना चाहिए

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