दुर्ग ब्रेकिंग: छोटे दुकानदारों पर संकट: राजेन्द्र पार्क के व्यापारियों को हटाने की तैयारी, अरुण वोरा समर्थन में
राजेन्द्र पार्क चौपाटी में 20 साल से दुकान चला रहे व्यापारियों को मिला नीलामी का नोटिस, वादा था दुकान का, समर्थन में उतरे अरुण वोरा, कहा – “छोटे दुकानदारों की रोज़ी से खिलवाड़ नहीं!”
दुर्ग: राजेन्द्र पार्क चौपाटी, दुर्ग में बीते दो दशकों से दुकान लगाकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे छोटे दुकानदारों को नई दुकानों के आबंटन में प्राथमिकता नहीं देने को लेकर अब विवाद गहराता जा रहा है। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और दुर्ग के पूर्व विधायक अरुण वोरा ने नगर निगम प्रशासन और महापौर को पत्र लिखकर इन दुकानदारों के हक़ में उचित कार्यवाही की मांग की है।
गौरतलब है कि नगर निगम द्वारा हाल ही में राजेन्द्र चौपाटी में नई दुकानों का निर्माण कराया गया है। निर्माण के समय पूर्व आयुक्त द्वारा पुराने दुकानदारों को यह आश्वासन दिया गया था कि निर्माण कार्य के बाद उन्हीं दुकानदारों को प्राथमिकता के आधार पर न्यूनतम दरों में दुकानें आबंटित की जाएंगी। लेकिन अब उन्हें नीलामी प्रक्रिया के जरिए भारी राशि चुकाकर दुकान लेने को कहा जा रहा है, जिससे दुकानदारों में भारी असंतोष है।
छोटे दुकानदारों का कहना है कि वे बीते 20 वर्षों से यहां व्यवसाय कर रहे हैं और पूर्व आयुक्त के मौखिक आश्वासन के बाद ही उन्होंने निर्माण कार्य में सहयोग दिया था। अब जब दुकानें बनकर तैयार हैं, तो उन्हें दरकिनार कर बोली प्रक्रिया के ज़रिए अन्य लोगों को दुकानें देने की तैयारी की जा रही है।
इस विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए अरुण वोरा ने पत्र में लिखा—
> “ये दुकानदार वर्षों से यहां रोज़ी-रोटी कमा रहे हैं। अब इन्हें एकमुश्त बड़ी राशि जमा करने के लिए मजबूर करना अन्यायपूर्ण है। मेरी अपील है कि इन्हें वचन के अनुसार न्यूनतम राशि पर दुकानें आबंटित की जाएं, ताकि वे सम्मानपूर्वक अपना व्यवसाय जारी रख सकें।”
उन्होंने पत्र के साथ दुकानदारों द्वारा दिया गया आवेदन भी संलग्न किया है और नगर निगम से सहानुभूतिपूर्वक विचार कर तत्काल कार्यवाही करने की मांग की है।
स्थानीय व्यापारियों और क्षेत्रवासियों ने अरुण वोरा की इस पहल की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि उनके हस्तक्षेप से पुराने दुकानदारों को न्याय अवश्य मिलेगा।