Sunday, May 4, 2025
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DURG BREAKING:भारती विश्वविद्यालय में ‘‘एसिड अटैक की विभीषिका’’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन

 

दुर्ग, भारती विश्वविद्यालय, दुर्ग में ‘‘एसिड अटैक की विभीषिका’’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अत्यंत संवेदनशील एवं ज्वलंत विषय पर कार्यशाला में डॉ. नवप्रीत कौर, सह-संस्थापक एवं उपाध्यक्ष, लक्ष्मी फाउंडेशन, नई दिल्ली, विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहीं। विदित हो कि लक्ष्मी फाउंडेशन, नई दिल्ली एक गैर शासकीय समाज सेवी संगठन है जो एसिड अटैक की गंभीर सामाजिक समस्या के विरुद्ध 2017 से सतत पूरे देश में कार्यरत है। इस संगठन का उद्देश्य एसिड अटैक पीड़ितों को यथासंभव सहायता उपलब्ध कराना तथा समाज को एसिड अटैक की विभीषिका को जड़ से खत्म करने हेतु आंदोलित करना है।

 

कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ ने एसिड अटैक के गंभीर मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करते हुए इससे जुड़े कानूनी और सामाजिक पहलुओं को उजागर किया। उन्होंने 2013 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आईपीसी की धारा 326(A) और 326(B) को जोड़े जाने के फैसले का उल्लेख किया, जिसके तहत दोषियों को 5 से 7 साल की सजा से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। उन्होंने एसिड अटैक के पीछे के मुख्य कारणों जैसे पुरुष अहंकार, दहेज प्रथा, एकतरफा प्रेम में असफलता, ईष्र्या और विकृत मानसिकता, प्रतिशोध आदि कारणों पर प्रकाश डाला। साथ ही, उन्होंने बताया कि एसिड अटैक पीड़ितों में 70-80 फीसदी महिलाएं और 20-30 फीसदी पुरुष भी इसकी चपेट में आते हैं। उन्होंने त्वचा दान के महत्व को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को इसके प्रति जागरूक किया। कार्यशाला में विश्वविद्यालय के कुलसचिव, डॉ. वीरेन्द्र कुमार स्वर्णकार ने एसिड अटैक की विभीषिका को समाज से खत्म करने के लिए युवा विद्यार्थियों को प्रेरित किया तथा लक्ष्मी फाउंडेशन, नई दिल्ली को समाज सेवा हेतु उनके उल्लेखनीय योगदान की सराहना करते हुए स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

 

कार्यशाला में प्राध्यापकगण प्रो. (डॉ.) आलोक भट्ट, प्रो. एल.पी. भैया, डॉ. शोभा सिंह ठाकुर, डॉ. प्रतिभा कुरुप, डॉ. निमिषा मिश्रा, निशा पटेल, श्वेता सिंह, जयंत बारिक, समीक्षा नय्यर, सूरज मुदुली, प्राची चाफले, आस्था चतुर्वेदी, पूजा ठाकुर आदि सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थीगण उपस्थित थे। कार्यशाला का आयोजन विधि संकाय तथा फॉरेंसिक विज्ञान विभाग द्वारा आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के सहयोग से किया गया।

 

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