“आख़िरकार मानी मोदी सरकार – राहुल गांधी की आवाज़ बनी राष्ट्र की मांग, दुर्ग में फूटे पटाखे और जाति जनगणना की जीत पर बंटी मिठाइयाँ!”
देशभर में जातिगत जनगणना को लेकर चल रही बहस के बीच विपक्ष के नेता श्री राहुल गांधी के लोकसभा में जोरदार तर्कों और दबाव का असर अब साफ़ दिखाई देने लगा है। देश की संसद में जब अधिकांश नेता चुप थे, राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को लेकर बार बार ज़ोर से कहा— “जो गिना नहीं गया, उसे हिस्सा कैसे मिलेगा?” यह आवाज़ संसद की दीवारों से निकलकर देश के गाँव-गली तक गूंजी। कांग्रेस के जननेता राहुल गांधी ने न केवल लोकसभा में यह मुद्दा उठाया, बल्कि हर मंच पर सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष जारी रखा।
दबाव बढ़ा, जनता जुड़ी, सरकार झुकी
राहुल गांधी ने लोकसभा में खुलकर कहा कि “देश को जानने का सबसे पहला रास्ता है— देश को गिनना। अगर आर्थिक और सामाजिक योजनाएं बनानी हैं, तो पहले जानना होगा कि किस वर्ग की स्थिति क्या है।” उनकी इसी लगातार मांग और जनता के दबाव के चलते, केंद्र की भाजपा सरकार को आखिरकार झुकना पड़ा और जातिगत आंकड़ों पर विचार करने की मंशा जतानी पड़ी।
दुर्ग बना गवाह – जब जश्न था लोकतंत्र की जीत का
इस ऐतिहासिक मोड़ को चिह्नित करते हुए, दुर्ग के राजीव भवन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता अरुण वोरा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़े, मिठाई बांटी और राहुल गांधी को इस निर्णायक जीत पर बधाई दी।
वोरा ने कहा – “राहुल गांधी जी के प्रयासों से जातिगत जनगणना अब सिर्फ़ मांग नहीं, आंदोलन बन गई थी। संसद में उनके तथ्यों, तर्कों और जज़्बे ने केंद्र सरकार को भी सोचने पर मजबूर कर दिया। आज भाजपा सरकार को भी कहना पड़ा— ‘हम इस पर विचार कर रहे हैं।’ यह वही सरकार है जो पहले जातिगत जनगणना को ‘बेमतलब की बात’ कहती थी। ये केवल कांग्रेस की नहीं, भारत के लोकतंत्र की जीत है।”
उन्होंने आगे कहा – “जातिगत जनगणना से समाज के हर उस वर्ग को पहचान और भागीदारी मिलेगी, जो दशकों से उपेक्षित रहा है। राहुल गांधी जी ने जो संघर्ष शुरू किया, वह आज नतीजा दे रहा है। भाजपा सरकार को अब लोगों की हक की आवाज़ सुननी पड़ी।”
जश्न में कौन-कौन थे शामिल?
कार्यक्रम में अरुण वोरा के साथ-साथ आर.एन. वर्मा, ब्लॉक अध्यक्ष राजकुमार पाली, राजकुमार साहू, पूर्व महापौर धीरज बकलीवाल,जिला अध्यक्ष राकेश ठाकुर, गया पटेल, राजेन्द्र साहू, राजकुमार नारायणी, राजेश यादव,सौरभ ताम्रकार, शशिकांत कसार, आनंद ताम्रकार, कौशल किशोर सिंह, रत्ना नरमदेव, बृजमोहन तिवारी, प्रेमलता साहू, , संजय कोहले, दीपक साहू, ज्ञानदास बंजारे, भास्कर कुंडले, पिंकी झा, विकास सपेकर, पोषण साहू, भोला महोबिया, नासिर खोखर, कन्या ढीमर, कमलकांत शुक्ला, हेमा साहू, बृजलाल पटेल, संगीता सोनी, निखिल खीचरिया, प्रेमलता साहू, कृष्णा देवांगन, मुकेश साहू, जगमोहन ढीमर एवं सुशील भारद्वाज, फत्ते सिंह भाटिया विशेष रूप से उपस्थित रहे।